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Saturday, July 12, 2014

गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ

गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ
जनवरी से जुलाई तक सूर्य उत्तरायण रहता है !
जुलाई में गुरुपूर्णमा से दच्छिदायण हो जाता है !
इसी दिन से वरसात के चार महीनो की सुरुआत हो जाती है !
जिसे हम चातुर्मास(चौमासा )कहते है !
इन मासों में संत महात्मा इकट्ठे हो कर ईस्वर, वेदों, पुराणो के परस्पर ज्ञान का आदान प्रदान करते है !
इसी से वेदो के संपादक महर्षि वेद ब्याश के नाम से इसे ब्याश पूर्णिमा भी कहते है !
साधको के लिए ये अपने गुरुवों से प्राप्त ज्ञान के प्रति उनके लिए कृतज्ञता ब्यक्त करने का पर्व है !ब्यक्ति को इस संसार सागर में अपने जीवन को चलाने के लिए ज्ञान माँ,पिता आचार्य,और समाज से मिलता है !
और पारलौकिक ज्ञान प्राप्त कर मोछ का मार्ग, आध्यात्म गुरु के द्वारा मिलता है !
गुरुपूर्णमा इन्ही सब के प्रति कृतज्ञता ब्यक्त करने का पर्व है !
तो आइये हम सब अपने गुरुवो के प्रति नतमस्तक हों !

गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ

Wednesday, May 28, 2014

आर्य शब्द का अर्थ :

आर्य समाज के लोग इसे आर्य धर्म कहते हैं, जबकि आर्य किसी जाति या धर्म का नाम न होकर इसका अर्थ सिर्फ श्रेष्ठ ही माना जाता है। अर्थात जो मन, वचन और कर्म से श्रेष्ठ है वही आर्य है। इस प्रकार आर्य धर्म का अर्थ श्रेष्ठ समाज का धर्म ही होता है। प्राचीन भारत को आर्यावर्त भी कहा जाता था जिसका तात्पर्य श्रेष्ठ जनों के निवास की भूमि था।

Thursday, May 1, 2014

डॉ हनुमानवाणी का मई अंक

डॉ हनुमानवाणी का मई अंक प्रकाशित 

Tuesday, April 15, 2014

हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनायें |

Tuesday, April 8, 2014

रामनवमी पूजन

रामनवमी :पूजन : सरल मंत्र 
हर रोज पढ़ें राम के सरल मंत्र
हर प्रकार की सफलता के लिए पढ़ें राम के मंत्र

कहते हैं राम से बड़ा राम का नाम होता है। राम नाम की महिमा को स्वयं शिव ने भी स्वीकारा था। पुराणों में भी राम नाम का गुणगान वर्णित है। राम के सरल और छोटे मंत्रों का हर रोज अथवा राम नवमी पर जाप करने से मनचाही कामना पूरी होती है।
हर प्रकार की सफलता के लिए पढ़ें राम के संक्षिप्त मंत्र।
1. ॐ राम ॐ राम ॐ राम ।
2. ह्रीं राम ह्रीं राम ।
3. श्रीं राम श्रीं राम ।
4. क्लीं राम क्लीं राम।
5. फ़ट् राम फ़ट्।
6. रामाय नमः ।
7. श्री रामचन्द्राय नमः ।
8. श्री राम शरणं मम् ।
9. ॐ रामाय हुँ फ़ट् स्वाहा ।
श्री राम का सात शब्दों वाला तारक महामंत्र
सौभाग्य और सुख देता है राम का तारक मंत्र
श्री राम, जय राम, जय जय राम।
'श्री राम जय राम जय जय राम' - यह सात शब्दों वाला तारक मंत्र है। साधारण से दिखने वाले इस मंत्र में जो शक्ति छिपी हुई है, वह अनुभव का विषय है। इसे कोई भी, कहीं भी, कभी भी कर सकता है। फल बराबर मिलता है।
हमारा सबसे बड़ा दुर्भाग्य आज यही है कि हम राम नाम का सहारा नहीं ले रहे हैं। हमने जितना भी अधिक राम नाम को खोया है, हमारे जीवन में उतनी ही विषमता बढ़ी है, उतना ही अधिक संत्रास हमें मिला है। एक सार्थक नाम के रुप में हमारे ऋषि-मुनियों ने राम नाम को पहचाना है। उन्होंने इस पूज्य नाम की परख की और नामों के आगे लगाने का चलन प्रारंभ किया।
प्रत्येक हिन्दू परिवार में देखा जा सकता है कि बच्चे के जन्म में राम के नाम का सोहर होता है। वैवाहिक आदि सुअवसरों पर राम के गीत गाए जाते हैं। राम नाम को जीवन का महामंत्र माना गया है।
राम सर्वमय व सर्वमुक्त हैं। राम सबकी चेतना का सजीव नाम हैं। अस समर्थ रघुनायकहिं, भजत जीव ते धन्य॥ प्रत्येक राम भक्त के लिए राम उसके हृदय में वास कर सुख सौभाग्य और सांत्वना देने वाले हैं।
तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में लिख दिया है कि प्रभु के जितने भी नाम प्रचलित हैं, उन सब में सर्वाधिक श्री फल देने वाला नाम राम का ही है।
यह नाम सबसे सरल, सुरक्षित तथा निश्चित रुप से लक्ष्य की प्राप्ति करवाने वाला है। मंत्र जप के लिए आयु, स्थान, परिस्थिति, काल, जात-पात आदि किसी भी बाहरी आडम्बर का बंधन नहीं है। किसी क्षण, किसी भी स्थान पर इसे जप सकते हैं।
जब मन सहज रूप में लगे, तब ही मंत्र जप कर लें। तारक मंत्र 'श्री' से प्रारंभ होता है। 'श्री' को सीता अथवा शक्ति का प्रतीक माना गया है। राम शब्द 'रा' अर्थात् र-कार और 'म' मकार से मिल कर बना है। 'रा' अग्नि स्वरुप है। यह हमारे दुष्कर्मों का दाह करता है। 'म' जल तत्व का द्योतक है। जल आत्मा की जीवात्मा पर विजय का कारक है।




Thursday, March 27, 2014

Dandraua Dham Video